Jowar 10 benifits ज्वार: सेहत का अनमोल खज़ाना और भारत की पारंपरिक अनाज विरासत

Jowar – ज्वार: सेहत का अनमोल खज़ाना

भारत की मिट्टी में जितनी विविधता है, उतनी ही विविधता यहां के अनाजों में भी देखने को मिलती है। इन अनाजों में एक प्रमुख नाम है ज्वार (Jowar), जिसे अंग्रेज़ी में Sorghum कहा जाता है। यह न सिर्फ़ भारत की पारंपरिक खेती का एक हिस्सा है, बल्कि आज के समय में इसे “सुपरफूड” (Superfood) के रूप में भी जाना जाता है।

आइए जानते हैं ज्वार के  पोषण, फायदे, उपयोग और इसके आधुनिक महत्व के बारे में विस्तार से।

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Jowar- ज्वार का पोषण मूल्य (Nutritional Value of Jowar)

ज्वार में पोषक तत्वों की भरमार होती है। यह ग्लूटेन-फ्री होने के कारण आजकल ग्लूटेन-इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी है।

100 ग्राम ज्वार में निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं:

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पोषकतत्व                  मात्रा (100 ग्राम में)

ऊर्जा                          329 किलो कैलोरी

प्रोटीन.                      10.4 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट.            72.6 ग्राम

फाइबर.                    6.3 ग्राम

वसा (Fat).               1.9 ग्राम

कैल्शियम.                 25 मि.ग्रा

आयरन.                    4.1 मि.ग्रा

फॉस्फोरस.               220 मि.ग्रा

पोटैशियम                 350 मि.ग्रा

विटामिन.                   B1, B2, B3 पर्याप्त मात्रा में

ज्वार में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए यह सीलिएक रोग और गैस्ट्रिक समस्याओं वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

 

Jowar – ज्वार से बनने वाले लोकप्रिय खाद्य पदार्थ

 

भारत में ज्वार का प्रयोग कई पारंपरिक और आधुनिक व्यंजनों में किया जाता है। कुछ प्रमुख उदाहरण हैं:

 

ज्वार की रोटी (Bhakri): महाराष्ट्र और कर्नाटक में बेहद लोकप्रिय। यह मोटी, नरम और फाइबर से भरपूर होती है।

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ज्वार उपमा: नाश्ते के लिए हेल्दी विकल्प।

 

ज्वार का दलिया: बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुपाच्य भोजन।

 

ज्वार कुकीज़ और ब्रेड: ग्लूटेन-फ्री स्नैक्स के रूप में आधुनिक रूप में लोकप्रिय।

 

ज्वार खिचड़ी या इडली: दक्षिण भारत में पसंदीदा हेल्दी फूड।

 

 

Jowar  ज्वार के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Jowar)

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  1. Jowar  ग्लूटेन-फ्री अनाज

ज्वार में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए यह उन लोगों के लिए आदर्श है जिन्हें गेहूं या अन्य ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है।

2.  Jowar हृदय के लिए लाभदायक

ज्वार में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले तत्व होते हैं, जो हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखते हैं। इसमें मौजूद फाइबर रक्त में बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है।

3.  मधुमेह (Diabetes) नियंत्रण में सहायक

ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है। यह धीरे-धीरे शर्करा को रिलीज़ करता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है।

4.  मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाए

ज्वार में विटामिन B समूह (विशेषकर B3, B6 और फोलेट) होते हैं, जो तंत्रिका तंत्र और दिमाग के लिए उपयोगी हैं।

5.  पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है

फाइबर की अधिक मात्रा कब्ज, गैस, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देती है।

6. एनीमिया से बचाव

ज्वार में आयरन और कॉपर जैसे खनिज होते हैं जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते हैं।

7. ऊर्जा का अच्छा स्रोत

इसमें जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो शरीर को लम्बे समय तक ऊर्जा देते हैं।

8. हड्डियों के लिए फायदेमंद

ज्वार में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

9. वज़न घटाने में सहायक

फाइबर से भरपूर होने के कारण यह भूख को नियंत्रित रखता है और ओवरईटिंग से बचाता

ज्वार को आहार में शामिल करने के आसान तरीके 

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गेहूं की आटे में 30–40% ज्वार का आटा मिलाएं।

नाश्ते में ज्वार दलिया या उपमा लें।

बच्चों को ज्वार कुकीज़ या ज्वार पैनकेक दें।

 

सर्दियों में ज्वार की भाखरी और गुड़ का सेवन करें — यह शरीर को गर्म रखता है।

आज के तेज़ रफ़्तार जीवन में लोग अधिकतर फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड पर निर्भर हैं। ऐसे में ज्वार जैसे पारंपरिक अनाजों की ओर लौटना एक स्वास्थ्य क्रांति है।

 

Nutritionists और Dieticians अब इसे “Millet Diet” के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ बीमारियों से भी बचाता है।

 

निष्कर्ष

 

ज्वार एक ऐसा अनाज है जो सेहत, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था — तीनों के लिए वरदान है।

यह न केवल हमारे शरीर को पोषण देता है बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और जलवायु संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।

आज की बदलती जीवनशैली में अगर हम ज्वार जैसे पारंपरिक अनाजों को अपनी थाली में जगह दें, तो यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए एक बड़ा कदम होगा।

एक पंक्ति में कहें तो:

“ज्वार सिर्फ़ एक अनाज नहीं, बल्कि सेहत, परंपरा और प्रकृति का संगम है।”

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