
अश्वगंधा Ashwagandha या असगंध (Withania somnifera) एक पौधा (क्षुप) है। यह विथानिया कुल का पौधा है; विथानिया की विश्व में 10 तथा भारत में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में अश्वगंधा की खेती बड़े स्तर पर की जा रही है। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में इसे ‘असगण्य’ या पाडलसिंह कहा जाता है।
अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्रयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पौधा है। आयुर्वेद में अशवगंधा को मेध्य रसायन भी कहते हैं जिससे हमारी दिमाग की यादास्त तथा एकाग्रता बढाने के लिए उपयोग किया जाता है
अश्वगंधा यह एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। अश्वगंधा को इसकी रोग-रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिये भी जाना जाता है
अश्वगंधा को आयुर्वेद में एक शक्ती और संतुलन का प्रतीक भी माना जाता है, इसे कई प्रकारोसे इस्तमाल किया जाता है, जैसे की तेल और चूर्ण.
अश्वगंधा विविध रोगो या बिमारियों में इस्तेमाल किया जाता है यह शरीर को मजबुती प्रदान करता है
असल मे अश्वगंधा जडीबुटी ६००० साल पुरानी है.
अश्वगंधा Ashwagandha के दो प्रकार होते है
एक है बडी अश्वगंधा और एक छोटी अश्वगंधा
बडी अश्वगंधा Ashwagandha
बडी अश्वगंधा की झाडीया बडी और जडे छोटी होती है यह हमें आमतोर बगीचे घेतो और पहाडी जगो पर मिलती है
छोटी अश्वगंधा Ashwagandha
की झाडीयाऔर जडे दोनही छोटी होती है यह हमे राजस्थान में मिलती है, क्यूकी वाहका वातावरण इसके लिये अनुकूल है.
अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा की पुरुषो के लिए फायदे
अश्वगंधा पुरुषों के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। पुरुषों में, यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाकर, शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करके, तनाव को कम करके और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर फायदेमंद हो सकती है.
अश्वगंधा की स्त्रियों के लिए फायदे
इससे मांसपेशियों को मजबूती देने, हार्मोन्स को बैलेंस करने और स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिलती
अश्वगंधा के नुकसान
मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाने के बावजूद, अश्वगंधा आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे उल्टी, उनींदापन, मतली और लीवर को नुकसान हो सकता है। अगर आपको कोई स्व-प्रतिरक्षा विकार है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लिए बिना अश्वगंधा न लें।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करे
मानसिक कमजोरी, उदासीनता एवं बेचैनी की अवस्था में तीन से छः ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को दूध के साथ दिन में दो बार प्रयोग करने से आराम मिलता है।
अनिद्रा – पाँच ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को घी और चीनी के साथ प्रतिदिन सोने से एक घण्टा पहले लेने से नींद आने लगती है।
अश्वगंधा को सुबह या रात में लिया जा सकता है, लेकिन यदि आप इसका सेवन मानसिक शांति और नींद सुधारने के लिए कर रहे हैं, तो रात को लेना बेहतर होता है
आप रात में सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाएं। इसे सोने से एक घंटे पहले आप पी सकते हैं।
अश्वगंधा लेते समय क्या परहेज करें:
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए: अश्वगंधा गर्भपात का कारण बन सकता है या शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
स्व-प्रतिरक्षी रोगों वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए: : जैसे कि ल्यूपस, रुमेटी गठिया, या टाइप 1 मधुमेह, क्योंकि अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सकता है और इन स्थितियों को और खराब कर सकता है।
निष्कर्ष:
अश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती है। हालांकि, इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आप किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए दवा ले रहे हैं।
लेखक – पवन ढोके