
सूर्य नमस्कार , जिसे इंग्लिश में Sun Salutations या सूर्य को सलाम भी कहा जाता है, सूर्य नमस्कार योग में एक अभ्यास है जिसमें कुछ बारह जुड़े हुए आसनों का प्रवाह अनुक्रम शामिल है ।
सूर्य नमस्कार की सटीक उत्पत्ति अनिश्चित है, लेकिन इस क्रम को 20वीं शताब्दी के आरंभ में औंध के राजा, भवनराव श्रीनिवासराव पंत प्रतिनिधि द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था, और कृष्णमाचार्य ने इसे मैसूर पैलेस में योग में अपनाया ,
सूर्यनमस्कार का उद्देश हमारे शरीर को ऊर्जावान और मन को शांत करना होता है।
सूर्य नमस्कार अभ्यास में कुल 12 आसन और एक चक्र में 24 चरण होते इस समीक्षा में, हम प्रकाशित शोध के आधार पर शरीर के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक पहलुओं पर इसके प्रभावों को उजागर करते हुए सूर्य नमस्कार के महत्व पर जोर देते हैं।
सूर्य नमस्कार 12 आसनो का एक क्रम हैं।
१ प्रणामासन :

प्रणमा आसन का अर्थ है प्रार्थना मुद्रा, इसका उपयोग योग की शुरुवात में और अंत किया जाता है. एक सरल योग है.प्रणमासन करणे के लिए हमेखुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े होना हे और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं।
२ हस्तउत्तनासन :

पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। और पीछे की ओर थोड़ा झुकें। इस बात का ध्यान रखें कि दोनों हाथ कानों से सटे हुए हों। हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
३. पादहस्तासन :

सूर्य नमस्कार की यह खासियत होती है कि इसके सारे चरण एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। हस्तोतानासन की मुद्रा से सीधे हस्त पादासन की मुद्रा में आना होता है। इसके लिए हाथों को ऊपर उठाए हुए ही आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। ध्यान रहें कि इस दौरान सांसों को धीरे-धीरे छोड़ना होता है। कमर से नीचे की ओर झुकते हुए हाथों को पैरों के बगल में ले आएं। ध्यान रहे कि इस अवस्था में आने पर पैरों के घुटने मुड़े हुए न हों।
४ अश्व संचालनासन

से सीधे उठते हुए सांस लें और बांए पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दांये पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के दाहिने हिस्से से सटाएं। हाथों को जमीन पर पूरे पंजों को फैलाकर रखें। ऊपर की ओर देखते हुए गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं।
५ दंडासन :

इस आसन के अभ्यास के लिए जमीन पर बैठकर पैरों को आगे फैलाएं। जितना हो सके पैरों को आगे स्ट्रेच करें। पैरों को एक साथ मिलाकर दोनों पैरों को रिलैक्स करें। जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें
६ अष्टांग नमस्कार.

इसे करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। …
हाथों को पसलियों के पास ले आएं और गहरी सांस बाहर की तरफ छोड़ें।
इसके बाद हथेलियों के बल ऊपर उठाने की कोशिश करें।
इस दौरान कोशिश करें कि आपके दोनों पैर, घुटने, हथेलियां, सीना और ठोड़ी जमीन को छूते रहें।
७ भुजंगासन :

इसे करने के लिए, पेट के बल लेटकर, हाथों को कंधों के नीचे रखकर और फिर धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाना होता है, जैसे कि एक फन फैलाए हुए सांप।
८ पर्वतासन :

भुजंगासन से सीधे इस अवस्था में आएं। अधोमुख शवासन के चरण में कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं लेकिन पैरों की एड़ी जमीन पर टिका कर रखें। शरीर को अपने V के आकार में बनाएं।
९ अश्व संचालासन

अब एक बार फिर से अश्व संचालासन की मुद्रा में आएं लेकिन ध्यान रहें अबकी बार बांये पैर को आगे की ओर रखें।
१०. पादहस्तासन.

इसे करने के लिए, सीधे खड़े होकर, सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, और सांस छोड़ते हुए कमर से झुककर, हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें।
११. हस्तउत्तनासन.

पादहस्तासन की मुद्रा से सामान्य स्थिति में वापस आने के बाद हस्तउत्तनासन की मुद्रा में वापस आ जाएं। इसके लिए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और पीछे की ओर थोड़ा झुकें। हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
१२. प्रणामासन.

हस्तउत्तनासन की मुद्रा से सामान्य स्थिति में वापस आने के बाद सूर्य की तरफ चेहरा कर एक बार फिर से प्रणामासन की मुद्रा में आ जाएं।
सूर्य नमस्कार के फायदे: Benifits of Sun Salutations:
वजन घटाने में मदद करता है. तेज़ गति से कई बार अभ्यास करने से कैलोरी बर्न होती है और मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है, जिससे आपको अपने वज़न घटाने के लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलती है, सूर्यनमस्कार शरीर के हर अंग पर प्रभावकारी है .
शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है.
रक्त परिसंचरण में सुधार करता है.
पाचन में सुधार करता है. यह पाचक अग्नि को उत्तेजित करता है। इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है, सहनशक्ति बढ़ती है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है
तनाव कम करता है, और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है। यह याददाश्त, एकाग्रता और अंतर्ज्ञान में सुधार करता है और हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे तनाव का स्तर कम होता है
त्वचा और बालों की देखभाल में मदद करता हैखोपड़ी और चेहरे में बेहतर रक्त संचार बालों और त्वचा को पोषण देता है। इससे बालों का झड़ना और सफ़ेद होना कम होता है, बालों का विकास बढ़ता है और त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।
मानसिक स्पष्टता और फोकस बढ़ाता है.
सूर्य नमस्कार के एक सेट से लगभग 13.90 कैलोरी बर्न होती
सूर्यनमस्कार करते वक्त ध्यान रखे
उच्च रक्तचाप और हृदय रोग वाले लोगों को सूर्य नमस्कार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
यदि पीठ दर्द हो, तो सूर्य नमस्कार करने से पहले योग शिक्षक से सलाह लेना बेहतर है.
गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
यदि सूर्य नमस्कार सही तरीके से नहीं किया जाता है, तो चोट लगने का खतरा हो सकता है,
निष्कर्ष:
सूर्य नमस्कार एक शक्तिशाली योग अभ्यास है जिसके कई फायदे हैं, लेकिन कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। सही तरीके से और सावधानीपूर्वक अभ्यास करने पर, सूर्य नमस्कार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
लेखक : पवन ढोके